आजादी का अमृत महोत्सव : यहां हर जुबां पर 'वीर' की क्रांतिगाथा, गलियों और चौपाल पर होता है स्मृतियों का एहसास
नासिक से भगूर गांव तक वीर सावरकर की यादों का एक पूरा समंदर फैला है। नासिक से 12 किलोमीटर दूर दक्षिण की ओर बसे इस गांव में जाने के लिए हम ऑटो में बैठे। ऑटो चालक पूरे रास्ते अपने तात्या के किस्से सुनाता रहा।
https://ift.tt/eA8V8J
https://ift.tt/3IdPRtQ
December 05, 2021 at 06:41AM from Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | - Amar Ujala https://ift.tt/3IdPRtQ
https://ift.tt/2FYuPSH
नासिक से भगूर गांव तक वीर सावरकर की यादों का एक पूरा समंदर फैला है। नासिक से 12 किलोमीटर दूर दक्षिण की ओर बसे इस गांव में जाने के लिए हम ऑटो में बैठे। ऑटो चालक पूरे रास्ते अपने तात्या के किस्से सुनाता रहा।
https://ift.tt/eA8V8J
https://ift.tt/3IdPRtQ
December 05, 2021 at 06:41AM from Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | - Amar Ujala https://ift.tt/3IdPRtQ
https://ift.tt/2FYuPSH